अयोध्या में राम मंदिर को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा हुई है। रामनवमी के अवसर पर भगवान रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा। यह ऐतिहासिक आयोजन अगले 20 वर्षों तक हर राम जन्मोत्सव पर दोहराया जाएगा और इसे देश-विदेश में प्रसारित किया जाएगा।
राम मंदिर के चारों द्वार पर महापुरुषों के नाम
राम मंदिर के चारों प्रवेश द्वारों का नामकरण उन महापुरुषों के नाम पर होगा, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। इस संबंध में आधिकारिक घोषणा रामनवमी पर की जा सकती है।
श्रद्धालुओं के लिए खास सुविधाएं
गर्मी को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट अस्थायी तौर पर छायादार कैनोपी और मैट की व्यवस्था करेगा, जिससे दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिले।
राम दरबार की स्थापना और दर्शन व्यवस्था
राम मंदिर के प्रथम तल पर मई के पहले 15 दिनों में राम दरबार की स्थापना होगी। श्रद्धालुओं के लिए विशेष पास जारी किए जाएंगे, जिससे हर घंटे 50 लोग दर्शन कर सकेंगे और प्रतिदिन 800 लोगों को राम दरबार के दर्शन का अवसर मिलेगा।
2025 तक पूरा होगा निर्माण कार्य
श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने जानकारी दी कि मंदिर और परिसर का निर्माण कार्य 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, ऑडिटोरियम का निर्माण 2025 के बाद पूरा होगा।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
रामलला का सूर्य तिलक और राम दरबार की स्थापना अयोध्या को एक ऐतिहासिक और धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। श्रद्धालु इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनकर इसे यादगार बना सकेंगे।