शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बस्तर पंडुम के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उनका स्वागत पारंपरिक गौर मुकुट और माला से किया गया। मंच से उन्होंने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि हर नक्सलमुक्त गांव को सरकार की ओर से ₹1 करोड़ रुपये का विकास पैकेज मिलेगा।
कार्यक्रम के बाद उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक फोटो साझा करते हुए लिखा, “जो बस्तर-सुकमा क्षेत्र कभी लाल आतंक का गढ़ था, आज वहां डोंडरा पंचायत में भयमुक्त होकर मोबाइल चलाते बच्चों को देख मन आनंदित हुआ।”
“बस्तर फिर से खुशहाल हो”
अपने भाषण की शुरुआत ‘भारत माता की जय’ से करते हुए उन्होंने कहा कि वे मां दंतेश्वरी से प्रार्थना करके आए हैं कि अगली चैत्र नवरात्रि तक बस्तर पूरी तरह लाल आतंक से मुक्त हो जाए।
नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने का आह्वान
अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि अब वह दौर चला गया जब बस्तर गोलियों और बम धमाकों से दहला करता था। उन्होंने हथियारबंद नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार छोड़ें और मुख्यधारा में शामिल हों, क्योंकि किसी नक्सली की मौत से किसी को खुशी नहीं मिलती।
“बंदूक नहीं, कंप्यूटर चाहिए”
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि 75 साल तक गरीबी हटाओ का नारा देने के बावजूद कांग्रेस गरीबी नहीं हटा पाई, लेकिन मोदी सरकार ने 10 साल में करोड़ों गरीबों को घर, गैस और सुविधाएं दीं। उन्होंने कहा, “विकास के लिए बंदूक नहीं, कंप्यूटर और कलम चाहिए।”