रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के एक बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। डीडीयू ऑडिटोरियम में आयोजित धर्म रक्षा महायज्ञ में बोलते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा, “आदिवासी सबसे बड़े हिंदू हैं।” इस बयान को लेकर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और सियासी पारा चढ़ गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बयान को संविधान विरोधी बताते हुए चेतावनी दी कि “अगर आदिवासियों को हिंदू बताया गया, तो उनका आरक्षण खतरे में पड़ सकता है।” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को संविधान की समझ होनी चाहिए और ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बयान देने से पहले गंभीरता से सोचना चाहिए।
इस पर राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा कि “भूपेश बघेल का बयान समाज को बांटने वाला है।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी समाज को भ्रमित कर रही है और संविधान व आरक्षण नीतियों को लेकर दुष्प्रचार कर रही है। अरुण साव ने जोर देते हुए कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति की पूजा करता है, जो सनातन परंपरा से जुड़ा हुआ है, और मुख्यमंत्री साय का बयान उसी भावना का प्रतीक है।
‘आदिवासी हिंदू बयान’ पर मचे सियासी घमासान ने राज्य में जनजातीय समुदाय और धार्मिक पहचान को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा और भी अहम हो गया है, क्योंकि यह सीधे जनभावनाओं से जुड़ा है।