ईश्वर एक है इसके नाम अनेक हैं – संत रमाकांत रविवार 21 सितम्बर को गुढ़ियारी स्थित मारुति मंगलम भवन पर संत निरंकारी मिशन की ब्रांच रायपुर द्वारा इंग्लिश भाषा का निरंकारी संत समागम का क्षेत्रीय स्तर पर आयोजन किया गया जिसमे उत्तर प्रदेश से आए संत श्री रमाकांत जी ने निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का संदेश देते हुए अपने प्रवचनों मे फरमाया कि भक्ति मे रंग ,नस्ल ,प्रांत ,देश ,बोली-भाषा ,वेषभूषा ,खाना-पीना, आदि कि दीवारों से ऊपर उठाकर जो जीवन जिया जाता है वो जीवन ही श्रेष्ठ जीवन होता है। इतिहास से अनेक प्रसंग सुनाकर संत रमाकांत जी ने आगे फरमाया की ईश्वर तो वो है जो तीनों काल मे सत्य है जिसमे कोई परिवर्तन नहीं होता जो न आता है न जाता है जो अपरिवर्तनशील है ऐसे परमात्मा कि भक्ति पूर्ण संतगुरु के चरणों से ही प्राप्त होती है। आज इंग्लिश भाषा के माध्यम से भक्ति का संदेश दिया गया भाषा एक माध्यम है जैसे पानी को वॉटर कहे तो उसके गुण मे कोई परिवर्तन नहीं होता इसी प्रकार ईश्वर को खुदा कहें , गॉड कहें , या निरंकार या फिर किसी अन्य नाम से पुकारें वो परम सत्ता तो एक ही है जो इसे जान लेता है वो फिर भाषा बोली के झगड़ों मे नहीं आता । वो फिर सभी मे ईश्वर का रूप देखकर जीवन जीता है। इंग्लिश भाषा का सहारा लेते हुए अनेक विधाओं के द्वारा सत्य का संदेश दिया जिसमे भक्ति रचनाएँ पढ़ी गई , नृत्य नाटिकाएँ की गई, लघु नाटक और हरदेव बाणी और अवतार बाणी का सहारा लेकर मानवता का संदेश देने का सफल प्रयास भक्तों के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम मे तिल्दा, भाटापारा, राजिम बलोदाबाज़ार ,धमतरी ,कौशलपुर आदि स्थानो से भक्त जन अपनी प्रस्तुतियों के साथ रायपुर आए और इस आयोजन मे अपनी भागीदारी निभाई।सेवादल के भाइयों एवं बहनों ने इस कार्यक्रम कि रूप रेखा को सुंदर अंजाम दिया। आए हुए सभी भक्तों हेतु गुरु प्रसाद कि व्यवस्था भी मारुति मंगलम भवन पर ही कि गई थी। ज़ोनल इंचार्ज श्री गुरबक्श सिंह कालरा द्वारा मुख्य वक्ता श्री रमाकांत जी का आत्मीयता से स्वागत किया और आभार प्रगट किया।






















