छत्तीसगढ़ में बढ़ेगी बाघों की दहाड़, गुरु घासीदास और उदंती-सीतानदी रिजर्व में ट्रांसलोकेशन की तैयारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास अभयारण्य और उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व (यूएसटीआर) में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की 14वीं बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार, मध्यप्रदेश के कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से आधा दर्जन बाघ लाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। केंद्र ने इस पर सहमति जताते हुए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) और मध्यप्रदेश PCCF को पत्र भेजा है।

गुरु घासीदास और यूएसटीआर में बढ़ेगी बाघों की संख्या

वर्तमान में गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में छह बाघ मौजूद हैं, लेकिन लिंगानुपात असंतुलित है। इसी कारण वहां बांधवगढ़ से तीन बाघ लाने का प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं, यूएसटीआर में अनुकूल परिस्थिति को देखते हुए कान्हा और पेंच से दो मादा और एक नर बाघ ट्रांसलोकेट करने की योजना है।

सर्वे रिपोर्ट और निगरानी के पुख्ता इंतजाम

एनटीसीए की टीम दोनों रिजर्व का दौरा कर चुकी है। वन विभाग ने प्रे-बेस और व्यवस्थाओं पर आधारित सर्वे रिपोर्ट तैयार कर एनटीसीए को भेज दी है। रिपोर्ट के अवलोकन के बाद ट्रांसलोकेशन की अंतिम अनुमति दी जाएगी। बाघों की सतत निगरानी के लिए चार रेडियो कॉलर खरीदे जा रहे हैं।

पड़ोसी राज्यों से भी होगी बाघों की आमद

वन विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र के ताड़ोबा और मध्यप्रदेश के संजय डुबरी, कान्हा और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ी है। ठंड शुरू होते ही युवा बाघ नई टेरिटरी की तलाश में निकलते हैं। ऐसे में अक्टूबर-नवंबर से छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास, इंद्रावती और यूएसटीआर में बाघों की आमद की संभावना है। इस मूवमेंट को देखते हुए भोरमदेव अभयारण्य को बाघ कॉरिडोर के रूप में मजबूत किया जाएगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *