रायपुर। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता बोनस घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है। सुकमा के पूर्व डीएफओ और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अशोक पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि उनके कार्यकाल में बस्तर संभाग के सुकमा जिले में तेंदूपत्ता संग्राहकों के नाम पर फर्जी लोगों को बोनस का भुगतान किया गया।
राज्य सरकार ने किया था निलंबित
तेंदूपत्ता बोनस वितरण में भारी अनियमितताओं की शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने पिछले महीने ही डीएफओ अशोक पटेल को निलंबित कर दिया था। निलंबन के तुरंत बाद EOW ने उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की, जहां से घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत बरामद किए गए।
बोनस संग्राहकों के नाम पर फर्जीवाड़ा
जांच में सामने आया है कि:
- सैकड़ों फर्जी नामों को तेंदूपत्ता संग्राहकों के रूप में दर्ज किया गया
- सरकारी बोनस राशि इन फर्जी खातों में ट्रांसफर की गई
- वास्तविक संग्राहकों को उनके हिस्से का बोनस नहीं मिल सका
इस फर्जीवाड़े से न केवल राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि आदिवासी समुदाय के मेहनतकश संग्राहकों को उनके अधिकार से भी वंचित किया गया।
आगे की कार्रवाई जारी
ईओडब्लू के सूत्रों के मुताबिक, यह घोटाला करोड़ों रुपये के स्तर पर हो सकता है। फिलहाल अशोक पटेल से पूछताछ जारी है और जल्द ही अन्य अधिकारियों और बिचौलियों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। जांच एजेंसी बैंक खातों, लाभार्थी सूची और बोनस वितरण से जुड़े सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है।