बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर में एनएसएस शिविर के दौरान हिंदू छात्रों को नमाज पढ़ाने के आरोप के बाद बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले एनएसएस समन्वयक प्रोफेसर दिलीप झा को पद से हटाया, अब 12 कार्यक्रम अधिकारियों को भी तत्काल प्रभाव से उनके पदों से हटा दिया गया है।
जानिए पूरा विवाद
- 16 अप्रैल को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और अन्य संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन और हंगामा किया।
- आरोप था कि एनएसएस शिविर में हिंदू छात्रों से जबरन नमाज पढ़वाई गई।
- मामला सामने आने के बाद से सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर नाराजगी बढ़ गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई
बढ़ते विवाद के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्ती दिखाई और निम्नलिखित 12 एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों को पद से हटा दिया:
- डॉ. प्रीति सतवानी – कंप्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी
- आशुतोष नायक – सिविल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड कम्प्यूटेशनल
- डॉ. गीता मिश्रा – प्राणी शास्त्र विभाग
- डॉ. मधुलिका सिंह – वनस्पति विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग
- डॉ. ज्योति वर्मा – कला अध्ययन शाला विभाग
- डॉ. नीरज कुमार – रसायन विभाग
- डॉ. विकास चंद – वनस्पति विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग
- डॉ. प्रमोद कुमार द्विवेदी – वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग
- डॉ. अश्वलेश्वर कुमार श्रीवास्तव – कंप्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी
- डॉ. प्रशांत वैष्णव – कंप्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी
- डॉ. सूर्यभान सिंह – रसायन विभाग
- डॉ. वसंत कुमार – कला अध्ययन शाला विभाग
विश्वविद्यालय प्रशासन की सफाई
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और सांप्रदायिक सौहार्द और शैक्षणिक मर्यादा को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
आगे क्या?
- विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एक जांच समिति का गठन भी किया जा सकता है।
- एबीवीपी और अन्य छात्र संगठन इस मामले को लेकर और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
- राष्ट्रीय स्तर पर भी यह मामला राजनीतिक बहस का विषय बनता जा रहा है।