नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार देर रात दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास से कथित रूप से बरामद नकदी की पूरी जांच रिपोर्ट अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी। इस अभूतपूर्व कदम के तहत घटना से संबंधित तस्वीरें और वीडियो भी अपलोड किए गए हैं।
जस्टिस वर्मा का बयान
जांच रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने या उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने नकदी नहीं रखी थी। उनका कहना है कि यह आरोप पूरी तरह से “हास्यास्पद” है और वे इससे साफ इनकार करते हैं।
जांच रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि –
-
भारतीय मुद्रा की अधजली गड्डियां स्टोर रूम में पाई गईं।
-
होली की रात न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर आग लगी थी, जिसके दौरान यह नकदी बरामद हुई।
-
सुरक्षाकर्मी के अनुसार, 15 मार्च की सुबह आग लगने के बाद मलबा और अन्य जली हुई वस्तुएं हटाई गई थीं।
क्या पूरे मामले की गहन जांच होगी?
न्यायमूर्ति उपाध्याय ने रिपोर्ट में कहा है कि प्रथम दृष्टया यह मामला गहन जांच की मांग करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, बंगले में रहने वाले लोगों, घरेलू सहायकों, माली और सीपीडब्ल्यूडी कर्मियों के अलावा किसी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश की संभावना नहीं मिली है।
अगले कदम?
अब इस पूरे मामले की आगे की जांच की जाएगी। रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद न्यायिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मची हुई है। सुप्रीम कोर्ट की इस पारदर्शिता पहल से यह मामला और गंभीर हो गया है। क्या यह जांच किसी बड़े खुलासे की ओर इशारा कर रही है? यह देखना दिलचस्प होगा।