बीजापुर। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के घने जंगलों में एक बाघ शिकारियों द्वारा बिछाए गए तार के फंदे में फंसकर बुरी तरह घायल हो गया। जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर घायल बाघ को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। प्राथमिक उपचार के बाद बाघ को बेहतर इलाज के लिए जंगल सफारी (रायपुर) भेज दिया गया है।
🐅 15 दिन पहले किया था ग्रामीण पर हमला
घटना बीजापुर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित कांदुलनार, मोरमेड़ और तोयनार गांवों के बीच के जंगल की है। लगभग 15 से 20 दिन पहले इस बाघ ने कांदुलनार गांव के एक व्यक्ति पर हमला किया था, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ था और बाघ की मौजूदगी की लगातार खबरें आ रही थीं।
🔥 शिकारियों के फंदे में फंसा, दोनों पैर हुए संक्रमित
बाघ शिकारियों द्वारा लगाए गए फंदे में फंस गया था, जिससे उसके दोनों पैर बुरी तरह जख्मी हो गए। घावों में कीड़े पड़ गए और सड़न शुरू हो गई थी, जिससे बाघ की हालत नाजुक हो गई थी।
🌲 वन विभाग की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बाघ को बेहोश कर सुरक्षित रेस्क्यू किया। टीम ने बाघ का प्राथमिक इलाज किया और फिर उसे जंगल सफारी रायपुर भेजा गया, जहां उसका विस्तृत इलाज किया जा रहा है। वन विभाग के अनुसार बाघ की उम्र लगभग 5 से 6 साल बताई जा रही है।
🛑 बढ़ती शिकार की घटनाओं पर चिंता
यह घटना वन्यजीव संरक्षण और अवैध शिकार को लेकर कई सवाल खड़े करती है। इंद्रावती टाइगर रिजर्व लंबे समय से शिकारियों के निशाने पर रहा है। जानकारों का मानना है कि इस क्षेत्र में बाघों की सुरक्षा के लिए और अधिक सख्त निगरानी और गश्त की जरूरत है।
🌿 वन विभाग का बयान
वन विभाग ने कहा है कि पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है और शिकारियों की पहचान के लिए स्थानीय पुलिस के सहयोग से अभियान चलाया जाएगा। विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वन्यजीवों की गतिविधियों की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें, जिससे समय पर कार्रवाई की जा सके।