रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र 2025 के दौरान इंदिरा निकुंज माना रोपणी में संचालित कुंवारादेव महिला स्व सहायता समूह को लेकर सदन में गलत जानकारी पेश करने का मामला सामने आया। इस गंभीर विषय पर वन मंत्री केदार कश्यप ने जांच के आदेश दिए, जिसके बाद कई अधिकारियों पर गाज गिरी है।
गलत जानकारी पर बड़ी कार्रवाई
वन मंत्री के निर्देशानुसार प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवास राव के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की गई। इस कमेटी में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक नावेद शुजाउद्दीन और मुख्य वन संरक्षक रायपुर राजू अगासिमनी भी शामिल थे। जांच में पुष्टि हुई कि वन विभाग ने विधानसभा में गलत जानकारी प्रस्तुत की थी।
इस लापरवाही के चलते रायपुर वनमंडल के परिक्षेत्र अधिकारी सतीश मिश्रा, माना नर्सरी प्रभारी वनपाल तेजा सिंह साहू, वनमंडल कार्यालय के सहायक ग्रेड-02 अविनाश वाल्दे और प्रदीप तिवारी, तथा परिक्षेत्र कार्यालय के सहायक ग्रेड-03 अजीत डडसेना को तत्काल निलंबित कर दिया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों पर भी जांच शुरू
जांच रिपोर्ट में रायपुर वनमंडलाधिकारी लोकनाथ पटेल और संयुक्त वनमंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी की जवाबदेही तय की गई है। इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और निलंबन प्रस्तावित किया गया है।
वन मंत्री की सख्त चेतावनी
वन मंत्री केदार कश्यप ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं की सही जानकारी समय पर उपलब्ध कराने और जनता तक इनका लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
छत्तीसगढ़ वन विभाग में हुई इस कार्रवाई ने दिखा दिया है कि सरकार अब किसी भी स्तर पर लापरवाही सहन नहीं करेगी।