फर्जी टेंडर मामले में डिप्टी कमिश्नर डॉ. आनंदजी सिंह सस्पेंड…मामले में जांच जारी

रायपुर। दंतेवाड़ा में करोड़ों के फर्जी टेंडर मामले में आदिवासी विकास विभाग के डिप्टी कमिश्नर डॉ. आनंदजी सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर यह कदम उठाया। मामला डॉ. आनंदजी सिंह के दंतेवाड़ा में सहायक आयुक्त रहते हुए किए गए टेंडर से जुड़ा है।

कलेक्टर द्वारा साल 2021 से 2024 तक किए गए विस्तृत जांच में खुलासा हुआ कि 45 टेंडर फर्जी तरीके से लगवाए गए थे। इस गड़बड़ी में डॉ. आनंदजी सिंह और केएस मेसराम की भूमिका सामने आई। जांच के बाद दोनों पूर्व सहायक आयुक्तों और विभाग के एक बाबू के खिलाफ दंतेवाड़ा में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने दोनों अफसरों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाबू अब तक फरार है।

विभाग ने कार्रवाई करते हुए डॉ. आनंदजी सिंह को सस्पेंड कर दिया है। इस दौरान उनका कार्यकाल आयुक्त आदिम जाति विभाग, रायपुर में रखा गया है। वहीं, केएस मेसराम इस समय रिटायर हो चुके हैं।

इस फर्जी टेंडर मामले ने आदिवासी विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में यह भी पता चला कि टेंडरों के जरिए करोड़ों रुपये के नुकसान का मामला सामने आया है। अधिकारी और प्रशासन अब यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं कि भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों पर रोक लगाई जा सके।

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