गंगरेल बांध डुबान क्षेत्र की मछुआ समितियों को पुनः मिला मत्स्य पालन अधिकार, मुख्यमंत्री साय का जताया आभार

रायपुर। गंगरेल बांध डुबान क्षेत्र की मछुआ सहकारी समितियों को पुनः मत्स्य पालन का अधिकार मिलने पर क्षेत्र के तीन जिलों—धमतरी, कांकेर और बालोद की 11 समितियों के सदस्य मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। इस अवसर पर समितियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का अभिनंदन किया और आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीणों की मांग पर डुबान क्षेत्र में जनसुविधा के लिए एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराने और राष्ट्रीय बैंक की शाखा शीघ्र खोले जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं ताकि लोग सीधे लाभान्वित हो सकें।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाए गए स्वच्छ भारत मिशन और प्रधानमंत्री जनधन योजना के लाभों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं ने महिलाओं को सम्मान दिलाने और आम नागरिकों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। डीबीटी व्यवस्था ने बिचौलियों की भूमिका खत्म कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने महिला स्व-सहायता समूहों को पुनः रेडी-टू-ईट कार्य का जिम्मा सौंपा है, जिससे महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सरकार हर वर्ग के उत्थान और सम्मान के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

कार्यक्रम में धमतरी महापौर रामू रोहरा, पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष हर्षिता पांडेय और गंगरेल डुबान क्षेत्र की सभी 11 समितियों के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इनमें उरपुरी, तेलगुड़ा, मोगरागहन, कोलियारी पुराना-नया, गंगरेल, फुटहामुड़ा, तुमाबुजुर्ग, अलोरी, भिलाई और देवीनवागांव शामिल हैं।

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