MP News: उज्जैन को जल्द ही देश का पहला हाईटेक धार्मिक शहर बनने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गृहनगर में 1900 करोड़ रुपए की पॉड टैक्सी योजना तैयार की गई है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है। अब इसे राज्य स्तरीय पर्यवेक्षण समिति की बैठक में अंतिम स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।
यह अत्याधुनिक पॉड टैक्सी योजना शहर के धार्मिक और व्यस्त इलाकों को जोड़कर यात्रियों को सुविधाजनक, तेज और सुरक्षित सफर मुहैया कराएगी। परियोजना सिंहस्थ 2028 महाकुंभ की तैयारियों के मद्देनजर भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके शुरू होने के बाद उज्जैन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आधुनिक परिवहन प्रणाली के मामले में भी देशभर में मिसाल बनेगा।
पॉड टैक्सी क्या है?
पॉड टैक्सी या पर्सनल रैपिड ट्रांजिट एक उन्नत परिवहन प्रणाली है, जो पर्यावरण के अनुकूल, तेज और शहर के प्रमुख इलाकों को बेहतर जोड़ने वाली तकनीक पर आधारित है। इसे मेट्रो के विकल्प के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि धार्मिक, आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों में सुगम कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सके।
13 स्टेशनों के साथ दो रूट
योजना में 25.46 किलोमीटर लंबे दो रूट प्रस्तावित हैं। पहला रूट 17 किमी लंबा होगा और देवास गेट बस स्टैंड से शुरू होकर रेलवे स्टेशन, टॉवर चौक, तीन बत्ती चौराहा, शास्त्री नगर, संत नगर, मलखंभ स्टैच्यू, ऋषि नगर, विश्वविद्यालय, इस्कॉन मंदिर, नानाखेड़ा बस स्टैंड और महामृत्युंजय द्वार तक जाएगा। दूसरा रूट 8.46 किमी लंबा होगा और महाकाल मंदिर और आसपास के धार्मिक स्थलों को कनेक्ट करेगा।



















