स्वामी प्रसाद मौर्य का दिवाली बयान: ‘असली गृह लक्ष्मी’ पर विवाद

लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के दीयों और मोमबत्तियों को लेकर विवाद थमा भी नहीं था कि अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और अपनी जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिवाली पर लक्ष्मी पूजा को लेकर बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया कि असली गृह लक्ष्मी गृहणी होती हैं और माता लक्ष्मी को ‘बाहरवाली लक्ष्मी’ करार दिया।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पोस्ट में लिखा कि दीपोत्सव के अवसर पर दीप जलाने के साथ यह भी ध्यान रखें कि पड़ोसी के यहां भी दीप जलें। उन्होंने कहा, “असली गृह लक्ष्मी वह होती हैं जो घर को साफ-सुथरा, सुंदर और स्वर्ग जैसी जगह बनाती हैं। घर के सभी सदस्यों को प्यार और एकता का पाठ पढ़ाती हैं। बाहरवाली लक्ष्मी हर बार बाजार से आती हैं और चली जाती हैं, इसलिए हमारे बिगड़े हालात नहीं सुधर पाते।”

मौर्य ने आगे लिखा कि यदि धन की देवी लक्ष्मी से ही देश में समृद्धि आती, तो 80 करोड़ लोग गरीबी और लाचारी में नहीं जी रहे होते और करोड़ों बेरोजगार नौजवानों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता।

उनके इस बयान के बाद विवाद फैल गया और मौर्य ने सफाई देते हुए कहा कि उनका मकसद केवल दीपोत्सव पर शुभकामनाएं देना और लोगों को अपने घर में दीप जलाने की अपील करना था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी यह टिप्पणी परंपरा के वास्तविक व्यवहारिक पहलू की ओर ध्यान दिलाने के लिए थी।

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान ने न केवल दिवाली पूजा की परंपराओं पर बहस छेड़ी है, बल्कि गृहिणियों के योगदान और समाज में उनकी भूमिका को भी उजागर किया है।

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