रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने जनसुनवाई और पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए “सुशासन तिहार 2025” की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य है कि गांव-गांव, शहर-शहर तक पहुंचकर जनता की समस्याएं सीधी सुनकर त्वरित समाधान किया जाए।
तीन दिन में मिले 3.18 लाख आवेदन
- सुशासन तिहार के प्रथम चरण में, जो 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक चल रहा है, अब तक 3 लाख 18 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
- इनमें से 2,89,648 आवेदन विभिन्न मांगों से जुड़े हैं जबकि 19,375 आवेदन शिकायतों से संबंधित हैं।
- आवेदन ऑनलाइन, शिविरों, ग्राम पंचायत कार्यालयों, नगरीय निकायों और समाधान पेटियों के माध्यम से प्राप्त किए जा रहे हैं।
तीन चरणों में होगा सुशासन तिहार का आयोजन
- पहला चरण (8-11 अप्रैल):
- आमजन से आवेदन एकत्र करना
- ऑन-स्पॉट आवेदन भरवाने के लिए अधिकारी-कर्मचारी की तैनाती
- CSC और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन की सुविधा
- दूसरा चरण:
- प्राप्त आवेदनों की डिजिटल एंट्री
- संबंधित विभागों को आवंटन
- एक माह के भीतर समाधान सुनिश्चित करना
- तीसरा चरण:
- 8 से 15 ग्राम पंचायतों में समाधान शिविरों का आयोजन
- नगरीय निकायों में भी आवश्यकता अनुसार शिविर
- आवेदनकर्ताओं को उनकी शिकायत की स्थिति की जानकारी
- मौके पर त्वरित समाधान और शेष समस्याओं का समयबद्ध निराकरण
जनप्रतिनिधियों की भागीदारी और निरीक्षण
- इस अभियान में सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।
- शिविरों में जनप्रतिनिधि न केवल संवाद करेंगे बल्कि योजनाओं का फीडबैक, जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी, और हितग्राही आवेदन फॉर्म भी प्रदान करेंगे।
- औचक निरीक्षण के जरिए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति की भी जांच होगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सुशासन तिहार का उद्देश्य है:
- जनसमस्याओं का प्रभावी और त्वरित समाधान
- शासकीय कार्यों में पारदर्शिता
- जनता से सीधा संवाद
उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे इस अभियान को गंभीरता से लेते हुए प्रत्येक आवेदन का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।