दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण ने बढ़ाई स्वास्थ्य समस्याएँ

नई दिल्ली। दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाला है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिवाली के एक दिन बाद शहर में पीएम 2.5 का स्तर 488 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जबकि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। कई इलाकों में यह ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंच गया।

एम्स की रुमेटोलॉजी विभाग प्रमुख उमा कुमार ने बताया कि उच्च प्रदूषण स्तर गठिया और जोड़ों की समस्याओं को बढ़ा रहा है। पार्टिकुलेट मैटर, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और ओज़ोन शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करते हैं, जिससे गठिया रोगियों में दर्द और थकान बढ़ सकती है। विशेषज्ञों ने N95 मास्क पहनने और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी।

जनरल फिजिशियन डॉ. अमित कुमार ने बताया कि प्रदूषण के कारण साँस लेने में तकलीफ़, खांसी, सिरदर्द और आँखों में जलन के मरीजों की संख्या लगभग 30% बढ़ गई है। हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और बेंजीन जैसी ज़हरीली गैसें फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा प्रदूषण स्तर एक व्यक्ति को रोज़ाना लगभग 6 सिगरेट के बराबर धुआँ साँस के माध्यम से अंदर ले जाने के समान है।

पर्यावरण विशेषज्ञ शरणजीत कौर ने चेतावनी दी कि वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण अगले 2-3 दिनों में वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से सुबह और देर शाम बाहर जाने से बचने, मास्क पहनने और घर में एयर प्यूरीफायर या पौधों का इस्तेमाल करने की सलाह दी। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग प्रदूषण के अधिक संवेदनशील हैं और उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

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