गरियाबंद, छत्तीसगढ़: प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति को लेकर गरियाबंद जिले के कलेक्टर बी.एस. उइके ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को कलेक्टर ने छुरा विकासखंड पहुंचकर पीएम आवास एवं जनमन आवास योजना की गहन समीक्षा की। बैठक के दौरान योजनाओं में लापरवाही और अपूर्ण कार्यों को लेकर उन्होंने 22 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
इनमें 13 ग्राम पंचायत सचिव, 3 रोजगार सहायक, 5 तकनीकी सहायक और 1 विकासखंड समन्वयक शामिल हैं। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी पंचायतों में समयबद्ध और गुणवत्ता युक्त कार्य सुनिश्चित किया जाए।
जिन पंचायत सचिवों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, वे हैं:
मुढ़ीपानी, गायडबरी, कसेकेरा, नवापारा भ, कोसमी, मेढ़कीडबरी, भरवामुड़ा, रसेला, कनेसर, द्वारतरा, मुड़ागांव, पंडरीपानी गोंड और मुरमुरा।
तकनीकी सहायकों में शामिल हैं:
लक्ष्मीकांत साहू, पवन ध्रुव, प्रियेश वर्मा, दिव्या साहू और विनय वर्मा।
रोजगार सहायक: रसेला, द्वारतरा और मेढ़कीडबरी ग्राम पंचायत के सहायक।
विकासखंड समन्वयक: हर्षा वर्मा।
धीमी प्रगति पर सख्त रुख
कलेक्टर ने सभी पंचायतों से प्रगति रिपोर्ट, किस्त आबंटन की स्थिति, जिओ टैगिंग, स्वीकृत एवं अप्रारंभ कार्यों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने अप्रारंभ कार्यों को तुरंत शुरू करने और प्रगति पर चल रहे कार्यों को निर्धारित समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने दो टूक कहा, “पीएम आवास योजना के नाम पर किसी भी प्रकार की अवैध वसूली की शिकायत नहीं आनी चाहिए। यदि शिकायत मिली, तो संबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
योजना की प्रगति
कलेक्टर ने बताया कि छुरा ब्लॉक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6,379 आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से अब तक 1,459 आवास पूर्ण हो चुके हैं और शेष निर्माणाधीन हैं।
उन्होंने सभी जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वे जनप्रतिनिधियों व हितग्राहियों से समन्वय बनाते हुए कार्यों में तेजी लाएं, ताकि हर पात्र परिवार को समय पर पक्के घर का लाभ मिल सके।
शासन की प्राथमिकता
बैठक में जिला पंचायत सीईओ जी.आर. मरकाम, अपर कलेक्टर नवीन भगत, एसडीएम नेहा भेड़िया, जनपद सीईओ सतीश चंद्रवंशी सहित पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, आवास मित्र और अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने अंत में कहा, “शासन की मंशा है कि कोई भी पात्र परिवार पक्के घर से वंचित न रहे। ऐसे में योजनाओं का जमीनी अमल प्राथमिकता में हो।”