इस्लामाबाद/नई दिल्ली। पाकिस्तान सरकार ने मौजूदा आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम मलिक को देश का नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया है। उन्हें यह अतिरिक्त प्रभार ऐसे समय दिया गया है जब भारत-पाक के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद से तनाव अपने चरम पर है। मलिक की नियुक्ति की आधिकारिक अधिसूचना 29 अप्रैल 2025 को जारी की गई, जिसकी जानकारी मीडिया में बुधवार देर रात सामने आई।
2022 से खाली था एनएसए का पद
गौरतलब है कि पाकिस्तान में यह पद 2022 से रिक्त था, जब मुईद यूसुफ ने इस्तीफा दिया था। अब तीन साल बाद सरकार ने इस रणनीतिक पद की जिम्मेदारी देश की सबसे प्रभावशाली खुफिया एजेंसी के प्रमुख को सौंप दी है।
आईएसआई प्रमुख का NSA बनना क्या संकेत देता है?
आईएसआई पाकिस्तान की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा नीतियों में प्रमुख भूमिका निभाती है। ऐसे में उसके प्रमुख को NSA की जिम्मेदारी सौंपना पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र की बेचैनी और भारत से बढ़ते खतरे की आशंका को दर्शाता है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत का रुख सख्त बताया जा रहा है।
लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक: एक परिचय
- बलूचिस्तान में इन्फेंट्री डिवीजन और वजीरिस्तान में इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाली।
- ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित।
- एनडीयू और कमांड एंड स्टाफ कॉलेज क्वेटा में प्रशिक्षक रहे।
- फोर्ट लीवेनवर्थ (अमेरिका) और रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज (UK) से स्नातक।
भारत पर गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, अमेरिका से लगाई मदद की गुहार
भारत से सशक्त प्रतिक्रिया के डर से पाकिस्तान ने अमेरिका से हस्तक्षेप की मांग की है। पीएम शहबाज शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से आग्रह किया कि वह भारत पर पहलगाम हमले की जांच के लिए दबाव बनाए।
अमेरिका का स्पष्ट संदेश: आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ
रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात करते हुए हमले की निंदा की और दोहराया कि “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका भारत के साथ खड़ा है।” अमेरिका की यह स्पष्टता पाकिस्तान के लिए राजनयिक दबाव को और बढ़ा सकती है।