नई दिल्ली, : देश के चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे विकास यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को उसकी अंतरिम जमानत की अवधि एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दी। अदालत ने यह फैसला उस वक्त सुनाया जब विकास यादव ने अदालत से अपील की कि उसकी शादी 5 सितंबर को तय हुई है और उसे कुछ कानूनी औपचारिकताएं पूरी करनी हैं।
अदालत की सुनवाई में क्या हुआ
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी। सुनवाई शुरू होते ही न्यायमूर्ति कोटिश्वर सिंह ने खुद को मामले से अलग कर लिया। इसके बाद न्यायमूर्ति सुंदरेश ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई के आदेश के बाद इस मामले की सुनवाई एक अलग पीठ करेगी।
इस बीच, यादव की ओर से पेश वकील ने अदालत से निवेदन किया कि चूंकि उसके मुवक्किल की शादी 5 सितंबर को तय है, इसलिए अंतरिम जमानत को बढ़ाया जाए। इस पर नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा की ओर से पेश वकील ने आपत्ति जताई। उनका कहना था कि यादव की शादी पहले ही जुलाई में हो चुकी है। हालांकि, यादव के वकील ने इसे खारिज करते हुए कहा कि जुलाई में सिर्फ सगाई हुई थी, शादी अब तय है। अदालत ने दलीलों को सुनने के बाद विकास यादव की अंतरिम जमानत एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी।
23 साल से अधिक समय जेल में
54 वर्षीय विकास यादव 23 साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने उसे इससे पहले भी कुछ विशेष परिस्थितियों में जमानत दी थी। इस बार उसने अदालत में यह दलील दी कि उसे अपनी शादी की तैयारियों और अदालत द्वारा लगाए गए 54 लाख रुपये के जुर्माने की व्यवस्था करनी है।
इससे पहले, 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने यादव को अंतरिम जमानत दी थी। लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 अगस्त को इस जमानत अवधि को बढ़ाने से इनकार कर दिया था और मामले को सुप्रीम कोर्ट के विवेक पर छोड़ दिया था।

क्या है नीतीश कटारा हत्याकांड?
नीतीश कटारा हत्याकांड देश के सबसे चर्चित ‘ऑनर किलिंग’ मामलों में गिना जाता है।
शुरुआत 1998 से : गाजियाबाद के एक कॉलेज (IMT) में एमबीए पढ़ाई के दौरान नीतीश की मुलाकात भारती यादव से हुई। भारती कुख्यात बाहुबली नेता और राज्यसभा सांसद रहे डी. पी. यादव की बेटी थीं। कॉलेज के दिनों में नीतीश और भारती की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई।
दोनों की नज़दीकियां : नीतीश एक साधारण मिडिल क्लास परिवार से थे, जबकि भारती एक सम्पन्न और राजनीतिक प्रभावशाली घराने से आती थीं। इसके बावजूद भारती को नीतीश की सादगी और उसके परिवार का अपनापन बेहद भाता था। दोनों ने शादी करने का भी मन बना लिया था।
परिवार की नाराज़गी : भारती के भाई विकास यादव और चचेरे भाई विशाल यादव को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। उन्हें लगता था कि नीतीश उनकी बहन के लिए ‘उचित’ नहीं है।
हत्या की रात
16 फरवरी 2002 की रात भारती के एक दोस्त की शादी में नीतीश कटारा भी शामिल हुए थे। देर रात तक वे शादी समारोह में मौजूद रहे। लगभग 12 बजे के बाद नीतीश को विकास यादव और विशाल यादव के साथ देखा गया। इसके बाद वह रहस्यमय तरीके से गायब हो गए।
कुछ दिनों बाद पुलिस को उनका जला हुआ शव मिला। जांच में स्पष्ट हो गया कि नीतीश की हत्या कर दी गई है। यह हत्या ‘ऑनर किलिंग’ का क्लासिक मामला माना गया क्योंकि परिवार के दबाव और असहमति के चलते प्रेम संबंध का अंत कर दिया गया था।
अदालतों की लंबी जंग
इस मामले में विकास यादव और विशाल यादव को नीतीश के अपहरण और हत्या के आरोप में दोषी पाया गया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोनों को आजीवन कारावास (25 साल की सजा) सुनाई। एक अन्य सह-दोषी सुखदेव पहलवान को बिना किसी राहत के 20 साल जेल की सजा सुनाई गई। 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि चूंकि सुखदेव पहलवान ने अपनी 20 साल की सजा पूरी कर ली है, इसलिए उसे रिहा किया जाए।
नीलम कटारा की लड़ाई
नीतीश की मां नीलम कटारा ने बेटे की हत्या के बाद सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने मीडिया और अदालतों के माध्यम से इस केस को जीवित रखा और न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया। नीलम कटारा का कहना है कि यह मामला सिर्फ उनके बेटे का नहीं, बल्कि उन तमाम युवाओं का है जिनकी जान ‘ऑनर किलिंग’ में जाती है।
विकास यादव और विशाल यादव अब भी जेल की सजा काट रहे हैं। हालांकि विकास यादव समय-समय पर स्वास्थ्य, मां की देखभाल या व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर जमानत की अर्जी लगाता रहा है। इस बार उसने शादी का कारण बताया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी राहत दी है।