श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। खुफिया एजेंसियों की चेतावनी और सुरक्षा सिफारिशों के बाद सरकार ने 87 में से 48 पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि हमले के बाद घाटी में आतंकी स्लीपर सेल सक्रिय हो गए हैं, जिन्हें फिर से गतिविधि शुरू करने के निर्देश मिले हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम के बायसरन घाटी में आतंकियों ने सेना की वर्दी में आकर पर्यटकों पर हमला किया था। हमलावरों ने पहले पर्यटकों का धर्म और पहचान पूछी, फिर हिंदू होने के कारण 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। मृतकों में अधिकांश पर्यटक, दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय निवासी शामिल हैं। इस हमले में 14 लोग घायल भी हुए हैं।
पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है। हालांकि बाद में उसने इससे इनकार कर दिया। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
सुरक्षा कारणों से जिन प्रमुख स्थलों को बंद किया गया है, उनमें युसमर्ग, दूधपथरी, अहरबाल, बंगस वैली, वुलर झील, वेरीनाग गार्डन, सिंथन टॉप, जामिया मस्जिद नौहट्टा, दाचीगाम और नरनाग सहित कुल 48 जगहें शामिल हैं।
पर्यटकों से अपील की गई है कि वे केवल उन्हीं स्थलों की यात्रा करें, जो खुले हैं और जहाँ सुरक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से सुनिश्चित की गई है। यात्रा से पहले स्थानीय प्रशासन की वेबसाइट या सूचना केंद्रों से जानकारी प्राप्त करें।