नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को यशदीप शर्मा और अन्य के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी मामले में चार प्रमुख शहरों—दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर और मुंबई—में तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई डीएलजेडओ-I जोनल कार्यालय द्वारा की जा रही है। ईडी ने पंजाब एंड सिंध बैंक की शिकायत पर दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज की है।
जांच में पाया गया कि यशदीप शर्मा और उनके परिवार ने अपनी स्वामित्व वाली संस्थाओं के जरिए बैंक से लिए गए लगभग 70 करोड़ रुपये के ऋण की हेराफेरी की। तलाशी अभियान उन परिसरों में चलाया गया जो यशदीप शर्मा और संबंधित संस्थाओं से जुड़े हैं। आरोप है कि ऋण की राशि को उनकी विभिन्न कंपनियों में ट्रांसफर किया गया, जो किसी वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि में शामिल नहीं थीं। इस कारण बैंक को भारी नुकसान हुआ और मामला मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत दर्ज किया गया।
तलाशी के दौरान ईडी ने दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य सबूत जुटाए ताकि फंड्स के गैरकानूनी प्रवाह का पता लगाया जा सके। यशदीप शर्मा की कंपनियां मुख्य रूप से रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय हैं, लेकिन जांच में सामने आया कि ऋण का इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया।
ईडी ने कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और बैंक फ्रॉड पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैंकिंग क्षेत्र में ऐसी घटनाओं से निवेशकों का भरोसा कमजोर होता है, लेकिन इस तरह की छापेमारी से वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और सुरक्षा मजबूत होगी।