रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राज्य में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लिया और इस अमूल्य संसाधन के संरक्षण एवं संवर्धन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है।
कार्यशाला में जल संरक्षण के प्रतीक “जल कलश” में रायगढ़ में बहने वाली केलो नदी का जल अर्पित कर प्रदेश की सभी नदियों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार जन भागीदारी के माध्यम से भूजल स्तर बढ़ाने, वर्षा जल को सहेजने और जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
सीएम साय ने कहा कि “सुजलाम भारत-जल संरक्षण एवं जल संवर्धन कार्यशाला 2025” जल संवर्धन, संरक्षण और जल संग्रहण के ठोस उपायों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी। उन्होंने जल को जीवन का आधार बताते हुए कहा कि जल ही सुरक्षित भविष्य की नींव है।
प्रदेशभर में इस तरह की कार्यशालाओं और जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से नागरिकों को जल संरक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सीएम साय ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार सभी नदियों और जल स्त्रोतों के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करेगी।
जल संरक्षण छत्तीसगढ़ में अब केवल नीति नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन बनता जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में प्रदेश के जल स्त्रोतों और पर्यावरण की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा।