बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की खस्ता सड़कें और लगातार बढ़ते सड़क हादसों पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि NH-343 और NH-130 जैसी राष्ट्रीय highways की खराब स्थिति और ब्लैक स्पॉट्स के कारण आम जनता की जान खतरे में है। हाईकोर्ट ने PWD और NHAI को चेतावनी देते हुए कहा कि अब जिम्मेदार एजेंसियां जवाबदेह होंगी और तुरंत सुधारात्मक कदम उठाएं। नागरिकों की जान बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता है और लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी।
यह मामला उस समय हाईकोर्ट के संज्ञान में आया जब पिकअप वाहन के ब्रेक फेल होने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया।
सड़कों की स्थिति और सुधार कार्य:
PWD सचिव ने बताया कि अंबिकापुर-रामानुजगंज-गढ़वा रोड (NH-343) के लिए केंद्र से 740 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है। काम तीन पैकेज में बंटा है, लेकिन बारिश के कारण कार्य ठप है। फिलहाल 2.81 करोड़ रुपये की लागत से अस्थायी मरम्मत जारी है। NHAI ने बिलासपुर, मुंगेली और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कई ब्लैक स्पॉट्स हटाने की जानकारी दी है।
कोर्ट ने यह भी बताया कि NH-130 पर पावर प्लांट्स की राख (फ्लाई ऐश) पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना ढोई जा रही है, जिससे सड़क हादसे और आसपास के गांवों में सांस की बीमारियां फैल रही हैं।
हाईकोर्ट ने NTPC और CSPGCL को छोड़कर अन्य पावर प्लांट्स, जैसे KSK महानदी, DB पावर, BALCO, SKS पावर और ACB पावर से स्पष्टीकरण मांगा है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को भी हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया गया है। अब इस मामले की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।



















