छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों की हड़ताल समाप्त, सरकार से मिला सकारात्मक आश्वासन

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लंबे समय से शासकीयकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत पंचायत सचिवों ने आखिरकार अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। पंचायत मंत्री विजय शर्मा से हुई सकारात्मक वार्ता के बाद सचिवों ने प्रदेश हित में कार्य पर लौटने का निर्णय लिया।


 क्या थी पंचायत सचिवों की मुख्य मांगें?

  1. शासकीयकरण की मांग – सचिवों की प्रमुख मांग थी कि उन्हें स्थायी शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।
  2. वेतनमान में सुधार – वर्तमान मानदेय को समाप्त कर नियमित वेतन देने की मांग।
  3. सेवा सुरक्षा – अनुबंध के स्थान पर स्थायी नियुक्ति और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।

 हड़ताल का असर ग्रामीण व्यवस्था पर

  • मनरेगा, ग्रामीण विकास योजनाएं, राशन वितरण, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे अहम कार्य ठप हो गए थे।
  • कई पंचायत कार्यालय तालेबंद रहे और विकास कार्य पूरी तरह से रुके।
  • ग्रामीण जनता को दैनिक कामों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

सरकार का रुख: समस्याएं समझी जाएंगी, समाधान जल्द

पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने कहा,

“हमने सचिवों की सभी समस्याएं सुनी हैं और सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। जल्द ही ठोस निर्णय लिए जाएंगे। हम सचिवों से आग्रह करते हैं कि वे फिर से प्रदेश के विकास में अपनी भूमिका निभाएं।”


 सचिव संघ की प्रतिक्रिया

प्रदेश अध्यक्ष, पंचायत सचिव संघ ने कहा,

“हम सरकार के आश्वासन का सम्मान करते हैं और फिलहाल हड़ताल खत्म कर रहे हैं। यदि मांगें समय पर पूरी नहीं होतीं, तो भविष्य में आंदोलन दोबारा शुरू हो सकता है।”

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