दवा एवं चिकित्सा-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवाचार के लिए 5000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए आवेदन आमंत्रित

नई दिल्ली :भारत सरकार ने दवा एवं चिकित्सा-प्रौद्योगिकी (फार्मा-मेडटेक) क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी “प्रमोशन ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन इन फार्मा मेडटेक सेक्टर” (पीआरआईपी) योजना के तहत 5,000 करोड़ रुपये के स्वीकृत आवंटन के साथ लगभग 300 परियोजनाओं के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, पीआरआईपी योजना का लक्ष्य इस क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना और नवाचार-केंद्रित बनाना है। इस योजना में रणनीतिक प्राथमिकता नवाचार (एसपीआई) क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया गया है, जिनमें दुर्लभ बीमारियां, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध, टीका-रोकने योग्य बीमारियां, उष्णकटिबंधीय कीटजनित रोग और महामारी से प्रेरित रोगजनकों का अध्ययन शामिल है।

पीआरआईपी योजना में कुल शोध एवं विकास निवेश लगभग 11,000 करोड़ रुपये तक पहुँचने का लक्ष्य है, जिसमें नई दवाएं, जटिल जेनेरिक दवाएं, बायोसिमिलर और नवीन चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।

संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, एमएसएमई और स्टार्टअप प्रारंभिक चरण की परियोजनाओं के लिए जिनकी लागत 9 करोड़ रुपये तक हो, उन्हें अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक सहायता प्राप्त हो सकती है। वहीं अंतिम चरण की परियोजनाओं के लिए, जिनकी लागत 285 करोड़ रुपये तक हो, वे 100 करोड़ रुपये तक धन लाभ ले सकते हैं।

इसके अलावा, योजना में उद्योग, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को राष्ट्रीय शैक्षणिक एवं शोध संस्थानों के साथ सहयोग की अनुमति और प्रोत्साहन दिया गया है, जिससे शोध की गुणवत्ता और व्यावहारिकता बढ़ेगी।

आवेदन 1 अक्टूबर से एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से स्वीकार किए जा रहे हैं, जो प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाता है। फार्मास्यूटिकल विभाग के अनुसार, यह पहल देश में फार्मा और मेडटेक क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर प्रदान करेगी और भारत को वैश्विक उभरते हुए नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।

यह योजना विशेष रूप से स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए लाभकारी है, जिससे वे भारत की फार्मा और मेडटेक उद्योग में महत्वपूर्ण भागीदार बन सकेंगे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *