“जीवन में रोशनी दें, मृत्यु के बाद भी रोशनी छोड़ें।”

नेत्रदान कर के हम किसी के जीवन में आशा का दीप जला सकते हैं।

समाज में नेत्रदान के प्रति जागरूकता लोग स्वस्फूर्त होकर नेत्रदान के लिए आए सामने बढ़ते कदम द्वारा गत 20 वर्षों में रायपुर में 750 वां नेत्रदान संपन्न

मानव जीवन ईश्वर का अमूल्य उपहार है, और इसी उपहार को और अधिक सार्थक बनाने का मार्ग है नेत्रदान।

बढ़ते कदम द्वारा नेत्रदान के क्षेत्र में गत 20 वर्षों से 750 नेत्रदान संपन्न करवाएं है. समाज में निरंतर जागरूकता लाने हेतु नियमित रूप से प्रचार प्रसार कर नेत्रदान के प्रति लोगों को प्रेरित करने हेतु संस्था लगातार प्रयासरत है. संस्था बढ़ते कदम द्वारा सावन मास के पावन अवसर पर हर वर्ष कांवरिया सेवा का आयोजन करती है, जब पहली बार 2005 में यह शिविर लगाया गया था, उसी दिन संस्था के प्रयासों से पहला नेत्रदान सम्पन्न हुआ था। इसी प्रकार दूसरे सप्ताह के शिविर के दौरान दूसरा नेत्रदान सम्पन्न हुआ था।

सदस्यों की भावनाओं को जनसामान्य ने समझा तथा उनकी समर्पण भावना की खुले दिल से तारीफ की। चुंकि पगड़ी रस्म कार्यक्रम का प्रत्यक्ष संबंध मृत्यु से होता है, अतः संस्था के सदस्यो के मन में विचार आया कि क्यों न नेत्रदान के लिए भी प्रयास किया जाए। संस्था के सदस्यों को ऐसा महसूस हुआ कि उचित प्रचार प्रसार व जागरूकता के अभाव में लोग नेत्रदान के प्रति जागरूक नहीं हैं। लेकिन जब लोगों को नेत्रदान का महत्व बताया गया, लोग नेत्रदान के लिए तत्पर हो अब संस्था को नेत्रदान के लिए प्रयास नहीं करना पड़ता है बल्कि स्वयं नेत्रदानदाताओं के फोन संस्था के पास आते हैं। संस्था ने रायपुर को देश की नेत्र राजधानी बनाने का संकल्प लिया है।

आज भी भारत में लाखों लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस (नेत्र-पटल क्षति) के कारण रोशनी से वंचित हैं। उनका उपचार केवल एक ही उपाय से संभव है— स्वैच्छिक नेत्रदान। एक व्यक्ति के नेत्रदान से दो नेत्रहीनों को रोशनी मिल सकती है। इसलिए यह केवल एक दान नहीं, बल्कि नए जीवन का संचार है। साथ ही, यह जानकारी भी जनसाधारण तक पहुँचाना अत्यंत आवश्यक है कि नेत्रदान के लिए आयु सीमा जैसी कोई पाबंदी नहीं है। चाहे वृद्ध हों, युवा हों, महिला हों, या पुरुष—हर व्यक्ति नेत्रदान करके मानवता की सेवा कर सकता है। आँखों से जुड़ी कमज़ोरी, चश्मा या कुछ सामान्य बीमारियाँ नेत्रदान में बाधा नहीं बनतीं। केवल कुछ विशिष्ट चिकित्सकीय स्थितियों को छोड़कर ज्यादातर लोग नेत्रदान के पात्र होते है।

संस्था बढ़ते कदम का उद्देश्य केवल नेत्रदान बढ़ाना ही नहीं, बल्कि समाज में यह विश्वास पैदा करना है कि हर छोटा कदम, हर पंजीकरण, और हर जागरूकता संदेश किसी व्यक्ति के जीवन का अंधकार दूर कर सकता है। संस्था समाज के सभी नागरिकों, मीडिया प्रतिनिधियों तथा स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने इस अभियान को गति देने में अपना बहुमूल्य सहयोग और समर्थन दिया है। आपका एक निर्णय किसी के जीवन में उजाला बन सकता है।

धन्यवाद

राजू झामनानी, 9827133247
मिडिया प्रभारी, बढ़ते कदम

राजू नत्थानी, 9301955500
प्रवक्ता, बढ़ते कदम

यथार्थ गुरूबक्षाणी, 9301810900
प्रवक्ता, बढ़ते कदम

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