रायपुर / वन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियो ने छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अजय गुप्ता के अगुवाई में जनदर्शन में पहुंचकर मुख्यमंत्री को सौपा ज्ञापन!
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया की वर्ष 2024 में संगठन ने लगातार 48 दिनों तक अनिश्चित कालीन हड़ताल किया जिसके फलस्वरूप वन मंत्री ने आकस्मिकता कार्यभारित सेवा नियम लागु किये जाने तथा स्थायीकरण किये जाने का आश्वासन दिया था।
लेकिन आज तक उक्त दोनों मांगे पुरा नही किया गया है फाईल जाकर वित्त विभाग में लटक गया है जिसके कारण दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियो में शासन की कार्यशैली को लेकर काफी नराजगी देखने को मिल रहा है।

रायपुर जिला में राजीव स्मृति वन में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों को 07 माह तक श्रम सम्मान राशि दिया था उसके बाद श्रम सम्मान राशि बंद कर दिया है जिसके कारण महिलाएं भी जनदर्शन पहुंचे हुए थे! वन मंडलाधिकारी रायपुर के कार्यशैली से उक्त दैनिक वेतनभोगी बेहद नाराज है, वित्त विभाग के निर्देशों को आड़े हांथों लेकर श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिकों को श्रम सम्मान राशि से वंचित कर रहे हैं।
जिन्हे श्रम सम्मान राशि नही देने का प्रावधान नही है उन सभी जाबदर कर्मचारियो को श्रम सम्मान राशि का भुगतान किया जा रहा है। और जिन्हे 4000 रूपया श्रम सम्मान राशि दिया जाना है उन्हे वंचित कर रहे है! इन सारे बातों का सारगर्भित बाते निकाला जाये तो वन मंडलाधिकारी के द्वारा द्वेषवश येसा किया जा रहा है जैसा प्रतित होता हैं।
वित्त विभाग के निर्देश में ये लिखा है कि शासकीय विभागों में श्रमायुक्त द्वारा निर्धारित दर पर कार्यक्रम करने वाले अकुशल, कुशल,अर्धकुशल श्रमिकों को प्रतिमाह पारितोषिक के रूप में 4,000 रूपया श्रम सम्मान राशि दिया जाना है। किन्तु वन मंडलाधिकारी द्वारा वित्त के निर्देशों का एकाएक अवहेलना किया जा रहा है जो सर्वथा उचित नही है
संगठन के पदाधिकारी वित्त सचिव,प्रधान मुख्य वन संरक्षक,अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वित्त, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रशासन अराज,मुख्य वन संरक्षक रायपुर, सभी से मिल चुके सब का कहना है कि मिलना चाहिये क्यों भुगतान नही कर रहे हैं, श्रम सम्मान राशि आपका अधिकार है मिलना चाहिये और मिलेगा।
छत्तीसगढ़ में ये पहला येसा (DFO) वन मंडलाधिकारी है जो दैनिक वेतनभोगी विरोधी है जो उनके हक के पैसों को भी नही दे रहे है! जब विकास मद मे भी जितने लोग कार्यरत है सबको भुगतान हो रहा है।
गेटमनी का बहाना बाजी करते है अधिकारी एक रूपया गेटमनी से आवक हो रहा है और राजीव स्मृतिवन में चार से पांच रूपया दैनिक वेतन भोगियों को भुगतान किया जा रहा है ,जब आवक कम है तो जावक ज्यादा क्यों कर रहे है, खर्च क्यों कर रहे हैं। आखिक विभाग से विभागीय मद का बजट मांगकर भुगतान कर ही रहे हैं।

गेटमनी का आड़ लेकर अधिकारी हितग्राहियों को वंचित कर रहा है जबकी मंत्री से लेकर सभी प्रयास किया की राजीव स्मृति वन वे दैनिक वेतनभोगी को श्रम सम्मान मिल सके!
गुप्त सुत्रों से पता चला है कि वित्त मंत्री के रिस्तेदार होने के कारण रायपुर में अपनी मनमानी ढंग से कार्य कर रहे हैं। किसी का सुनने का नाम नही लेते है रायपुर वन मंडलाधिकारी, वित्त मंत्री के करिबी होने का गलत ढंग से फायदा उठाया जा रहा है, सभी वन मंडलाधिकारी का एक दुसरे स्थान पर स्थानान्तरण हुआ लेकिन रायपुर वन मंडलाधिकारी का स्थानांतरण नही होगा, ये भी विभाग के लिये बहुत बड़ी सवाल है।
अगर राजीव स्मृति वन में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी लोगों को श्रम सम्मान राशि भुगतान नही किया जाता है तो आने वाला समय में मुख्य वन संरक्षक कार्यालय का घेराव किया जायेगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी वन मंडलाधिकारी रायपुर की होगी।




















