रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। राज्यपाल रमेन डेका ने 170 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर इसे “नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में अभूतपूर्व उपलब्धि” बताया है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त रणनीति, सुरक्षा बलों के निरंतर परिश्रम और जनता के सहयोग से संभव हुई है।
राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा, “छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों का आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि अब हिंसा की जगह संविधान और संवाद की राह को अपनाया जा रहा है। यह कदम सराहनीय है और प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है।”
रमेन डेका ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में अब तेजी से परिवर्तन दिख रहा है। केंद्र सरकार का सपना है कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ पूरी तरह नक्सलमुक्त राज्य के रूप में स्थापित हो। उन्होंने विश्वास जताया कि जनता और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से यह सपना जल्द साकार होगा।
राज्यपाल ने सुरक्षाबलों की भूमिका की विशेष सराहना करते हुए कहा कि पुलिस, सीआरपीएफ और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने कठिन परिस्थितियों में लगातार अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
उन्होंने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाने की अपील की। डेका ने कहा कि अब इन इलाकों में “जंगलों में हथियार नहीं, बल्कि विकास और संवाद की भाषा गूंज रही है।”
राजनीतिक और सामाजिक विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों का आत्मसमर्पण यह दर्शाता है कि नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में राज्य ने ठोस कदम बढ़ा लिए हैं और अब प्रदेश में शांति व विकास की नई सुबह उभर रही है।