रायपुर। छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिवाली से पहले गायों की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सीएम साय ने घोषणा की है कि राज्य में गाय को राजमाता घोषित करने पर विचार किया जाएगा। यह फैसला लंबे समय से उठ रही मांगों के बीच आया है, जो विभिन्न संगठनों की ओर से लगातार जताई जा रही थी। अब तक किसी सरकार ने इस दिशा में ठोस पहल नहीं की थी, लेकिन साय सरकार ने इसे प्राथमिकता दी है।
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने रायपुर में पांच दिनों तक रामकथा का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने मंच से सरकार से आग्रह किया कि गाय को राज्य की राजमाता घोषित किया जाए। सीएम साय ने इस पर सकारात्मक संकेत देते हुए कहा कि सरकार इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करेगी।
साथ ही, छत्तीसगढ़ सरकार ने गौ-सेवा आयोग नियम 2005 में संशोधन करते हुए जिला और ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन किया है। राज्य बनने के बाद यह पहली बार है कि इतने व्यापक स्तर पर गौशालाओं के निरीक्षण और प्रबंधन के लिए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की गई है। प्रत्येक समिति में एक अध्यक्ष और पांच सदस्य होंगे, जिनकी जिम्मेदारी तीन वर्षों तक रहेगी।
राज्य में कुल 934 जिला और ब्लॉक स्तरीय अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की गई है। इस कदम से गायों की सुरक्षा और संरक्षण में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। सीएम साय की यह पहल छत्तीसगढ़ में गौ-सेवा और धार्मिक-सांस्कृतिक संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम मानी जा रही है।