रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य सरकार का उद्देश्य स्पष्ट किया कि वर्ष 2028-29 तक छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त राज्य बनाया जाएगा। यह केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि समाज में वास्तविक परिवर्तन लाने का संकल्प है।
इस दिशा में बलौदाबाजार-भाटापारा जिला तेजी से अग्रसर है। जिले की 225 ग्राम पंचायतों में पिछले दो वर्षों से कोई बाल विवाह दर्ज नहीं हुआ है। अब इन पंचायतों को बाल विवाह मुक्त पंचायत घोषित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग ने 13 अक्टूबर 2025 तक दावा-आपत्ति आमंत्रित करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने में समुदाय और प्रशासन की संयुक्त भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी नागरिकों से जागरूकता फैलाने और बाल विवाह रोकने में सहयोग देने का आग्रह किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि विभाग जागरूकता और निगरानी के माध्यम से प्रदेश को चरणबद्ध तरीके से बाल विवाह मुक्त बना रहा है। गौरतलब है कि बालोद जिला देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला बन चुका है, जबकि सूरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतें भी बाल विवाह मुक्त घोषित की जा चुकी हैं।