छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024-30 : वस्त्र उद्योग में निवेश पर 200% अनुदान, मिलेगी नई मजबूती

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ने हाल ही में अपनी औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत वस्त्र उद्योग को विशेष प्रोत्साहन देने की योजना की घोषणा की है। राज्य सरकार का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन, रोजगार सृजन और निर्यात को बढ़ावा देना है। विशेष रूप से, वस्त्र उद्योग में निवेश करने वाले उद्यमियों को स्थायी पूंजी निवेश पर 200% तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जो इसे निवेशकों के लिए अत्यंत आकर्षक विकल्प बनाता है। यह कदम राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के साथ-साथ ग्रामीण और महिला श्रमिकों के सशक्तिकरण में भी मदद करेगा।

1. औद्योगिक नीति के तहत प्रावधान

छत्तीसगढ़ सरकार ने निवेश प्रोत्साहन की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं:

  • 200% तक का अनुदान- वस्त्र उद्योग में निवेश करने वाले उद्यमियों को उनके स्थायी पूंजी निवेश पर 200% तक अनुदान मिलेगा।
  • अतिरिक्त प्रोत्साहन- यदि कोई उद्योग 1,000 से अधिक रोजगार सृजित करता है, तो उसे बी-स्पोक पॉलिसी के तहत अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया
  • जाएगा।प्रशिक्षण अनुदान- स्थानीय युवाओं और कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण देने पर प्रति व्यक्ति ₹15,000 तक का अनुदान मिलेगा।
  • विशिष्ट श्रेणी के उद्योगों के लिए पैकेज- फार्मा, वस्त्र, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई है।

इस प्रकार, नीति का उद्देश्य केवल निवेश को आकर्षित करना ही नहीं बल्कि स्थानीय मानव संसाधनों और कौशल का विकास करना भी है।

2. वस्त्र उद्योग में निवेश की संभावनाएं

छत्तीसगढ़ में वस्त्र उद्योग को लेकर कई प्रकार की संभावनाएं हैं:

  • महिला और ग्रामीण कारीगरों के लिए रोजगार- सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, बटन और सजावटी कार्यों में ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।
  • स्थानीय उत्पादों का संवर्धन- राज्य में पारंपरिक और हस्तशिल्प आधारित वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देकर स्थानीय उत्पादों की पहचान बनाई जा सकती है।
  • निर्यात की संभावनाएं- वस्त्र उद्योग के विकास से राज्य के उत्पादों का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में निर्यात किया जा सकता है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
  • औद्योगिक क्लस्टर और टेक्सटाइल पार्क- छत्तीसगढ़ सरकार ने टेक्सटाइल पार्क और औद्योगिक क्लस्टर स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे निवेशकों को पूर्वोत्तर संसाधन और लॉजिस्टिक सुविधा उपलब्ध होगी।

इन संभावनाओं से यह स्पष्ट होता है कि वस्त्र उद्योग न केवल आर्थिक दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी राज्य में सशक्तिकरण और विकास के अवसर प्रदान करता है।

3. उद्योग स्थापना की प्रक्रिया

छत्तीसगढ़ में वस्त्र उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमियों को कुछ निर्धारित प्रक्रिया अपनानी होगी:

  • निवेश प्रस्ताव तैयार करना- उद्योग स्थापना के लिए विस्तृत और सुव्यवस्थित निवेश योजना तैयार करें। इसमें निवेश राशि, उत्पादन क्षमता, रोजगार सृजन और लागत का विस्तृत विवरण शामिल होना चाहिए।
  • राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (SIPB) से संपर्क- निवेश प्रस्ताव को SIPB के पास प्रस्तुत करें और प्रोत्साहन योजना के तहत अनुमोदन प्राप्त करें।
  • भूमि आवंटन और आवश्यक अनुमतियां- औद्योगिक क्षेत्र में भूमि का चयन करें और पर्यावरण, निर्माण तथा अन्य संबंधित अनुमतियां प्राप्त करें।
  • सहायता और अनुदान प्राप्त करना- उपलब्ध अनुदान और सहायता योजनाओं का लाभ उठाएं। यह वित्तीय सहायता उद्योग स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देती है।उद्योग संचालन शुरू करना- सभी अनुमतियों और तैयारियों के बाद उत्पादन और संचालन शुरू करें।

4. छत्तीसगढ़ को मिलेगी मजबूती
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वस्त्र उद्योग को दिए जा रहे प्रोत्साहन न केवल निवेशकों के लिए अवसर प्रदान करते हैं। बल्कि, राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी मजबूत करते हैं। 200% तक के अनुदान, रोजगार सृजन पर अतिरिक्त प्रोत्साहन और स्थानीय कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से राज्य उद्योग और व्यापार के लिए एक आकर्षक केंद्र बनता जा रहा है।

वस्त्र उद्योग में निवेश करके न केवल उद्यमी आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, महिलाओं के सशक्तिकरण और स्थानीय हस्तशिल्प उद्योग को भी मजबूती मिलती है। इस प्रकार, यह नीति राज्य में स्थायी औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

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