MP News में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के ‘वनवास’ वाले बयान को लेकर सियासत गरमा गई है। बयान के बाद जहां भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर हमला बोला, वहीं अब खुद पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सामने आकर अपनी बात स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि उनका बयान किसी भी तरह की नकारात्मकता या कुंठा से प्रेरित नहीं था, बल्कि उसे सकारात्मक संदर्भ में समझा जाना चाहिए।
जीतू पटवारी ने सफाई देते हुए बताया कि यह बयान उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान दिया था। उन्होंने कहा, “मेरे कार्यकर्ताओं ने मुझसे कहा कि आप लंबे समय से हमारे इलाके में नहीं आए हैं। आप प्रदेश में ज्यादा रहते हैं, हमारे घर भी आइए। इस पर मैंने कहा कि मैं अक्सर बाहर के कामों में व्यस्त रहता हूं और यहां का काम मैंने अपने दूसरे साथियों को सौंप रखा है।” उन्होंने आगे कहा कि उसी बातचीत में उन्होंने हल्के-फुल्के और सकारात्मक अंदाज में कहा था कि “मेरे पर दया करो, मैं खुद वनवास पर हूं।” पटवारी ने साफ किया कि इसमें न तो कोई कुंठा थी और न ही नकारात्मक सोच।
बीजेपी नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा के तंज पर प्रतिक्रिया देते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या बयान दे रहा है। उनका बयान पूरी तरह से उनके कार्यकर्ताओं के लिए था, न कि किसी राजनीतिक संदेश के लिए।
इसी बीच, MP News से जुड़े एक अन्य मुद्दे पर जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार को भी घेरा। उन्होंने राज्य सरकार के दो साल के रिपोर्ट कार्ड पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को भी जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड रखना चाहिए। पटवारी ने आरोप लगाया कि आधे घंटे में 40 हजार करोड़ रुपये के बजट की समीक्षा करने वाला मुख्यमंत्री गंभीर मूल्यांकन कैसे कर सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सही रिपोर्ट कार्ड चाहिए, तो एक स्वतंत्र एजेंसी से मंत्रियों की वैध और अवैध संपत्तियों की जांच कराई जाए। उनके मुताबिक, इससे सरकार की असली तस्वीर सामने आ जाएगी।



















